कानूनी जागरूकता कार्यक्रम


अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस पर आरपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एडीशनल सिविल जज एवं उपमंडल विधिक सेवा समिति के चेयरमैन हिमांशु सिंह मुख्यातिथि रहे जबकि अध्यक्षता आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव ने की। इस विद्यालय के मिडिल विंग के बच्चों ने लघु नाटिका के माध्यम से न्याय सब रिश्तों से उपर होता है, का संदेश दिया। इस दौरान बच्चों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका मुख्याअतिथि व अन्य अतिथियों ने अवलोकन करते हुए बाल वैज्ञानिकों से उनके बारे में बातचीत करते हुए उनके कार्य को सराहा।
कार्यक्रम के दौरान जज एवं उपमंडल विधिक सेवा समिति के चेयरमैन हिमांशु सिंह ने बताया कि 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व में अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है, इस दिन 1998 में रोम ने कानून को अपनाया था तथा संधि द्वारा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट का निर्माण किया। 1 जून 2010 को कंपाला (युगांडा) में आयोजित रोम संविधि की रिव्यु समिति में, 17 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया जिसको अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस भी कहा जाता हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस का उद्देश्य लोगों को न्याय के समर्थन के लिए एकजुट करना और साथ ही पीडि़तों के अधिकारों को बढ़ावा देना है। जज हिमांशु सिंह ने न्यायिक दिवस पर बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में बताया कि किस प्रकार से बच्चे लीगल एड के माध्यम से अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि उप मंडल विधिक सेवा समिति द्वारा सभी बच्चे व बड़ों को मुफ्त में क़ानूनी सहायता पहुंचाती हैं। इस मौके  पर आरपीएस गु्रप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा यादव ने कहा कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य सभी को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी बच्चों का शोषण है। लोगों को अपने बच्चों को मजदूरी की बजाय पढऩे का अवसर दिया जाना चाहिए ताकि वे पढ़-लिखकर परिवार, समाज, गांव, प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सके। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को संबोधित करते हुए प्राचार्या डॉ. सरिता वी सिंह ने कहा कि देश का हर वर्ग खुशी से मिलकर रहे। इससे सशक्त व मजबूत समाज का निर्माण होगा। युवा वर्ग को समाज व देशहित के कार्यो में अपना योगदान देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने न्यायिक प्रणाली के बारे में भी विस्तार से बच्चों को बताया।
लघु नाटिका के संदेश ने किया प्रभावित
कार्यक्रम के दौरान शुभम के ग्रुप द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका के माध्यम से संदेश दिया गया कि बचपन के दो अच्छे मित्रों में यदि एक जज और एक अपराधी बन जाए तो जज मित्र हमेशा न्याय के रास्ते पर ही चलता है न कि न्याय का गला घोंटकर अपने मित्र को बचाता है। इस सार्थक संदेश से ओतप्रोत लघु नाटिका की जज साहब ने भी सराहना की। इसके बाद छात्रा कशिश ने 'काले धन का मौसम आदम खोर दिखाई देता है, केवल ये कानून देश से भ्रष्टाचार मिटाएगा कविता के माध्यम से भ्रष्ट तंत्र की पोल खोली तथा उससे निपटने के सुझाव भी कविता के माध्यम से सुझाए गए। इसके बाद छात्र सृजन ने देशभक्ति गीत 'दिल दिया है जान भी देंगे' गीत से सभी बच्चों को देशभक्ति का संदेश दिया। छात्रा रितिका ने देशभक्ति गीत पर अपनी सुन्दर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में उप प्राचार्य रविन्द्र सिंह तंवर, डीन एलएन गौड़, प्रवक्ता धर्मेश कौशिक, समन्वयक जिले सिंह, विंग हैड पवन तिवाड़ी, प्रीति शर्मा, अनिता अहलावत सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।




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